Search This Blog

ये आरज़ू नहीं कि..

ये आरज़ू नहीं कि किसी को भुलाएं हम; ना तमन्ना है किसी को रुलाएं हम; पर दुआ है उस रब से बस एक यही; जिसको जितना याद करते हैं उसको उतना याद आये हम..