Search This Blog

ए पलक तु बन्‍द..

ए पलक तु बन्‍द हो जा, ख्‍बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी इन्‍तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी..